एमपी बीजेपी में खुलकर सामने आने लगी कलह, इन पांच बड़ी घटनाओं से तेज हुई प्रदेश की सियासत

भोपाल: मध्य प्रदेश बीजेपी के अंदर जमकर गुटबाजी हो रही है। इस लड़ाई से सरकार और संगठन दोनों पर असर देखने को मिल रहा है। बीजेपी की आंतरिक कलह अब खुलकर सामने लगी है। कई घटनाएं ऐसी हैं जिसमें बीजेपी के नेता आपस में ही एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लग

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भोपाल: मध्य प्रदेश बीजेपी के अंदर जमकर गुटबाजी हो रही है। इस लड़ाई से सरकार और संगठन दोनों पर असर देखने को मिल रहा है। बीजेपी की आंतरिक कलह अब खुलकर सामने लगी है। कई घटनाएं ऐसी हैं जिसमें बीजेपी के नेता आपस में ही एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है। कलह की शुरुआत वीरेंद्र खटीक के खिलाफ बीजेपी के विधायकों द्वारा दिये गए बयान से हुई।

केंद्रीय मंत्री पर लगा था बड़ा आरोप

टीकमगढ़ के सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह ने ही मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर कांग्रेसियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वीरेंद्र खटीक ने कांग्रेस के लोगों को अपना प्रतिनिधि बनाया है। उनके बयान का समर्थन करते हुए बीजेपी विधायक ललिता यादव ने कहा था कि मानवेंद्र सिंह सच कह रहे हैं। सभी विधायक उनसे परेशान हैं।


पूर्व मुख्यमंत्री के भतीजे भी थे नाराज

मानवेंद्र सिंह के आरोप के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी ने भी वीरेंद्र खटीक पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा जो सवाल किए गए हैं, उनका मैं समर्थन करता हूं। सांसद वीरेंद्र खटीक को पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर लेनी चाहिए थी, उसके बाद उन्हें प्रतिनिधि नियुक्त करना चाहिए था, तो अच्छा होता। वहीं उनके साथ बीजेपी के पूर्व विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने कहा था कि तो उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भी वीरेंद्र खटीक ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया है।


विधायक ने सांसद जनार्दन मिश्रा पर की टिप्पणी

रीवा में सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच विवाद ने लोगों को चौंका दिया। विवाद तब शुरू हुआ जब मिश्रा ने दिवंगत कांग्रेस नेता श्रीनिवास तिवारी के बारे में तीखी टिप्पणी की। विधायक ने इस पर आपत्ति जताई और सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। तिवारी ने कहा कि किसी को उस दिवंगत व्यक्ति के बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए, जिसने अपना जीवन गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। भाजपा मूल्यों से प्रेरित पार्टी है और यह मुद्दा पार्टी के भीतर उठाया जाएगा।


हालांकि, मिश्रा ने जवाब दिया कि हमने हमेशा कहा कि श्रीनिवास तिवारी आतंक, लूट और गुंडागर्दी की राजनीति करते हैं। उनके पोते ने भले ही भाजपा ज्वाइन कर ली हो, लेकिन भाजपा उनके साथ नहीं गई है। अगर आप परिवार का हिस्सा हैं, तो आपको भी सुनना चाहिए कि आपके बाबा ने क्या किया।


प्रोटोकॉल को लेकर भड़के थे मंत्री

शिक्षक दिवस के दिन रायसेन में भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी और लोक स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बीच प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर बहस हो गई। यह मामला एक स्कूल के कार्यक्रम के निमंत्रण कार्ड से शुरू हुआ था, जिसमें सांसद का नाम ऊपर था और मंत्री का नाम नीचे लिखा था। बाद में जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को नोटिस जारी कर संभावित मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी।


सीएम के कार्यक्रम से चले गए बाहर

सागर में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव था जिसमें मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह की उपेक्षा की गई। उन्हें मंच पर उचित स्थान नहीं दिया गया। बता दें कि दोनों नेताओं को सीएम के दाएं-बाएं 9वें नंबर की कुर्सियों पर बैठाया गया था। हालांकि उनसे काफी जूनियर विधायकों को कार्यक्रम में ज्यादा तबज्जो दी गई।


उचित सम्मान और उपेक्षा से आहत होकर दोनों सीनियर विधायक गोपाल भार्गव और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह मंच से उठकर बाहर निकल गए थे। वे कॉन्क्लेव स्थल से एक ही गाड़ी में सवार होकर गए थे, जिसमें गोपाल भार्गव आगे की सीट पर तो भूपेंद्र सिंह पीछे की सीट पर बैठे थे। यह फोटो देर शाम राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई थी।

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जमकर हो रही गुटबाजी

भाजपा नेताओं ने इन घटनाओं को मामूली बताकर महत्व नहीं दिया है, वहीं कांग्रेस के बीजेपी पर हमला बोलने के लिए मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस के दिग्गजों ने हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी में गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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